Meeting with officials of Arya Samaj Bangkok

08 May, 2018

सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के अंतर्गत एवं दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के तत्वाधान में अन्तर्राष्ट्रीय आर्य  महासम्मेलन की तैयारी पूरे जोर शोर से चल रही है। कार्यक्रम की तैयारी को लेकर विभिन्न देशों में जनसंपर्क बैठक आयोजित कर सप्रेम निमन्त्रण पत्र भेंट किये जा रहे हैं ताकि समस्त विश्व के आर्यजन एक मंच पर इकट्ठे होकर वेद की विचारधारा और महर्षि देव दयानन्द सरस्वती जी के सपने को घर-घर तक पहुंचाने का कार्य कर सकें।

इस वर्ष 25 से 28 अक्टूबर तक चलने वाले आर्य महासम्मेलन की तैयारी के चलते निमन्त्रण पत्र अपने पड़ाव म्यामां पहुंचा। आर्य प्रतिनिधि सभा म्यामां के प्रधान श्री अशोक खेत्रपाल एवं अन्य पदाधिकारियों समेत वहां के आर्यजनों ने निमन्त्रण पत्र का स्वागत करते हुए कहा कि बुद्ध की भूमि बर्मा म्यामां से बड़ी संख्या में आर्यजन दिल्ली महासम्मेलन में पहुंचेंगे ताकि इसे भव्य स्तर पर मनाया जा सके। निमंत्रण पत्र अपने अगले पड़ाव पर थाईलैंड पहुंचा वहां आर्य समाज बैंकॉक के प्रधान श्री एस. पी. सिंह जी ने पत्र का स्वागत करते हुए कहा बैंकॉक के सभी आर्य परिवार महासम्मेलन में शामिल होंगे।

दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के महामंत्री विनय आर्य म्यामां और बैंकॉक के आर्य समाजों के सभी प्रतिनिधियों से मिले और कहा कि इस बार का आर्य महासम्मेलन वैश्विक स्तर पर आकर्षण का केन्द्र बनेगा। कार्यक्रम 25 से 28 अक्टूबर तक चलेगा। इसमें एक साथ 10 हजार लोग यज्ञ कर भारतीय धराधाम पर नया कीर्तिमान स्थापित करेंगे। यह सम्मेलन आर्यों की एकता एवं अखण्डता का प्रतीक होगा तथा एक बार फिर आर्य समाज की ओर से समस्त विश्व को सनातन संस्कृति एवं वैदिक धर्म की विचारधारा वसुधैव कुटुम्बकम् और कृण्वन्तो विश्वमार्यम् का संदेश दिया जायेगा। महासम्मेलन के मंच से आर्य समाज एक बार फिर स्पष्ट संदेश देगा कि हमारे पूर्वज वैदिक परम्परा में विश्वास करते थे तथा मूर्ति पूजा, अवतारवाद, बलि, झूठे कर्मकाण्ड व अंधविश्वासों को अस्वीकार करते थे। वैदिक संस्कृति में छुआछूत व जातिगत भेदभाव के लिए कोई जगह न उस समय थी और न आज है। हमारा मूल उद्देश्य वेद का संदेश मनुर्भव-मनुष्य बनो अर्थात् श्रेष्ठ मनुष्यों का निर्माण करो का रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन की तैयारी के चलते म्यामां में एक समिति का गठन किया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग महासम्मेलन में भारत पहुंचें। श्री अशोक खेत्रपाल जी को सार्वदेशिक सभा की ओर से समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

इस दौरान विनय आर्य वहां के उत्साहित आर्य समाज के कार्यकर्ताओं समेत माताओं व बच्चों से भी मिले। आर्य समाज शिवपुर, मांडले हरिबस्ती रंगून समेत कई आर्य समाजों में गये, आर्य समाज जियावाडी में निमंत्रण बैठक के दौरान महिलाओं, बच्चों समेत म्यामा सभा के प्रधान श्री अशोक खेत्रपाल, उपप्रधान पी. के. गुलाटी, सभा मंत्री पवन कुमार समेत बड़ी संख्या में लोगों ने आने की इच्छा जताई। आप लोगों को यह जानकर अतिहर्ष होगा कि पिछले वर्ष म्यामां में आयोजित हुए अन्तर्राष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन का प्रभाव अब वहां देखने को मिल रहा है। वहां के लोगों ने अति उत्साह के साथ-साथ कई नई आर्य समाजों का गठन भी किया है तथा भवनों का निर्माण भी शुरू हुआ है और गुरुकुल खोलने की तैयारी भी चल रही है। अपनी वैदिक संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए कई लोगों ने आर्य महासम्मेलन में संयास लेने की इच्छा भी जताई। महासम्मेलन में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, न्यूजीलैंड, मलेशिया, मॉरिशस ,नेपाल, म्यामां, दक्षिण अफ्रीका, फिजी, बांग्लादेश आदि करीब 35 देशों से प्रख्यात संत महात्मा एवं ज्ञानीजन उपस्थित होकर भारत एवं विश्व की युवा शक्ति के चारित्रिक उत्थान की संकल्पना को लेकर तथा युवा वर्ग में स्वाध्याय की प्रवृति विकसित करने के उद्देश्य से कदम बढ़ाने के साथ-साथ इस महासम्मेलन की गरिमा बढाएंगे।